निर्झर प्रतापगढ़ी की पुरातात्त्विक खोजों पर शोध का सिलसिला जारी।
डेक्कन कालेज पुणे महाराष्ट्र की पुरातत्व शोध छात्रा संसृति ब्राह्मी ने अजगरा आकर संग्रहालय में रखे गये हजारों पुरावशेषों के बारे में निर्झर प्रतापगढ़ी से जानकारी प्राप्त किया।

निर्झर प्रतापगढ़ी की पुरातात्त्विक खोजों पर शोध का सिलसिला जारी।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
प्रतापगढ़, 7 जुलाई।
डेक्कन कालेज पुणे महाराष्ट्र की पुरातत्व शोध छात्रा संसृति ब्राह्मी ने अजगरा आकर संग्रहालय में रखे गये हजारों पुरावशेषों के बारे में निर्झर प्रतापगढ़ी से जानकारी प्राप्त किया।
उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण पुरातत्व अवशेषों के फोटो और वीडियोग्राफी भी प्राप्त किया। वे डेक्कन कालेज की पुरातत्व विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ.शाहिदा अंसारी के निर्देशन में शोध कार्य कर रही हैं
शोध छात्रा ने बताया कि हमारी गाइड महोदया ने इस संग्रहालय के बारे में मोबाइल के विभिन्न श्रोतों व कुछ इधर के पुरातत्वविदों से जानकारी लेने के बाद इस पर शोध की अनुमति प्रदान किया।
इस अवसर पर श्री विनीत शुक्ल ने शोध छात्रा के कार्यों में सहयोग प्रदान किया।
उल्लेखनीय है कि प्रतापगढ़ जनपद के अजगरा निवासी ख्याति लब्ध साहित्यकार एवं पुरातत्व खोजी डॉ.राजेश कुमार पाण्डेय उर्फ निर्झर प्रतापगढ़ी द्वारा अजगरा एवं आसपास के क्षेत्रों से खोजकर संग्रहीत किए गये ऐतिहासिक, पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व के विशाल भंडार को देखने एवं उन पर शोध करने का क्रम निरंतर जारी है।
यहां समीपवर्ती जनपदों के प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व के छात्र-छात्राएं इनका अध्ययन कर शोध कार्य कर रहे हैं वहीं प्रदेश के सुदूर वर्ती महाविद्यालयों विश्वविद्यालयों तथा दूसरे प्रांतों के शोध छात्र भी यहां संरक्षित पुरावशेषों पर शोध कार्य कर रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि अभी कुछ महीनों पूर्व नोएडा स्थित पं.दीन दयाल उपाध्याय पुरातत्व शोध संस्थान भारत सरकार से पधारी तुषा गुप्ता एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार के शोधकर्ताओं ने यहां आकर निर्झर प्रतापगढ़ी द्वारा अजगरा जैसे ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित भारत के प्रथम अशासकीय पुरातत्व एवं लोक-कला संग्रहालय में रखे गये पुरावशेषों का अध्ययन किया।